Manganum (मैगनम )
मैगनम दवा शरीर के दाहिने भाग को अधिक प्रभावित करती है तनाव उलझन बेचैनी के दौरान पसीना आता है, पसीना आने से आराम नहीं मिलता , एकाएक गर्मी महसूस होना
डायबिटीज के रोगी को खुजली होना
जोड़ो के निकट त्वचा में (घाव या चोट का) कीटाणुओं से संक्रमित हो जाना, मवाद से भर जाना
पैरों की कमजोरी , लड़खड़ाना
एड़ियों की सूजन
पैर की टिबिया नामक हड्डी में दर्द
नाक छिड़कने में दर्द होना
चेहरा पीला , चेहरे से बीमार नजर आना
पेट दर्द , लकवा (पक्षाघात) आदि में लार बहाना
युवतियों के प्रथम मासिक का देरी से प्रारम्भ होना तथा सामान्य रक्त की जगह पीला स्राव, युवतियों में रक्तहीनता
मैगनम के रोगी को कानो में तकलीफ़ छोटी छोटी बातों से हो जाती है , कान बहुत जल्दी प्रभावित हो जाते हैं
कान से कम सुनाई देना प्रायः दाहिना कान प्रभावित होता है , नाक छिड़कने पर कान में कुछ क्रैक होने की आवाज , नम मौसम में कान प्रभावित जिससे कम सुनाई देने लगता है किन्तु ऐसे में यदि रोगी नाक छिड़कता है तो कान में आराम होता है और अधिक सुनाई देने लगता है ; ऐसे रोगी जिन्हे कान से कम सुनाई देता है तथा बारिश या नमी से तकलीफ बढती है तो मैगनम से लाभ की संभावना है
कान बन्द होने का अहसास नाक छिड़कने पर तकलीफ बढती है ; कान दर्द - खुली हवा में जाने से तकलीफ बढाती है ; कान में खुजली होना
कान दर्द, कान बहाना , दर्द दांतों से कान तक जाता है , रात के खाने के बाद कान में दर्द
सर्दी के दौरान कान में आवाज़ , टिनिटस
गला ख़राब साँस में दुर्गन्ध , टिनिटस जैसे कानो से तेजी से रक्त प्रवाह हो रहा हो
अस्थियों में , कान में , जोड़ों में दर्द
खुली हवा में जाने से आवाज़ प्रभावित हो जाना
जुकाम के दौरान गले में खराश
नम मौसम में खांसी आना , बलगम सिर्फ दिन के समय ; लेटने से खाँसी आना बंद हो जाता है , जोर से पढ़ने पर खांसी बढती है
अस्थियों की तकलीफ़ में त्वचा पर उभरे हुए लाल चकत्ते ; अस्थियों में दर्द ; घुटनों में दर्द एवं खुजली
एड़ियों में तकलीफ , जिससे बच्चे का चल न पाना
तालु में गांठ , त्वचा पर नीली गांठें , थोड़ी चोट से घातक घाव जिसके किनारे नीलापन हो
मामूली चोट का घाव बढ़ता जाता है और भरता नहीं है
अस्थियां और जोड़ रात में अधिक दर्द करते है
अंडकोष में खुजली
रक्त की कमी जिनमे है ऐसी युवतियों में अति शीघ्र एवं अति अल्प मात्रा में मासिक होना
स्त्रियों में मीनोपॉज , रजोधर्म बंद होने के समय रह रह कर गर्मी जैसे झटके महसूस होना
पेशाब में बैंगनी तलछट जमना
पेशाब के दौरान जलन
गुदा का बहार निकलना , बैठने पर दर्द का बढ़ना
कभी पेट न साफ़ होना कभी दस्त आना
पूरे शरीर में बहुत दर्द , छूने से भी दर्द होता है
जोड़ो के दर्द की तकलीफ होने पर यदि एड़ी प्रभावित होती है तो रोगी को बहुत दिक्क्त होती है , एड़ी भार सहन नहीं करती
पक्षाघात नीचे से ऊपर की ओर बढ़ना
पक्षाघात एवं माँसपेशियों का पतला पड़ना
रोगी आगे को झुककर चलता है
नाक के अंदर दर्द
चेहरे का पीलापन , चेहरे से दिखता है कि वह बीमार है
मुंह में खट्टा स्वाद , मुँह से दुर्गन्ध आना
जीभ में दर्द
दांतों में दर्द जो कान तक जाता है , ठण्डा पेय पीने से दांत दर्द , छूने से तकलीफ बढ़ना
मध्य रात्रि में जगाने पर गले में पसीना होना , गले में अकड़न
भूख प्यास की कमी
ठंढा खाना खाने से पेट दर्द
नम मौसम से पेट दर्द
नाभि के आस पास साँस अंदर लेते समय दर्द
लीवर की सूजन
मत्थे में दर्द - आगे झुकने से बढ़ना , गर्म कमरे में आराम मिलना
हिलने-डुलने या चलते समय प्रत्येक कदम पर मानो सिर में धक्का लगता है इस प्रकार का सिरदर्द
छूने से तकलीफ बढ़ना
फीदर बेड एवं फीदर पिलो का इस्तेमाल दमा के रोगी का न कर पाना
लेटने से तकलीफों का घटना
आग के सामने झुका पड़ता है , इस प्रकार आग तापने से उसे पेट दर्द में आराम मिलता है
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